विद्या, विनय, विवेक, साहस, अच्छे काम, सत्य ये सभी बुरे समय के साथी होते हैं, इनकी मदद से हर विपत्ति दूर हो सकती है - India news today

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Sunday, October 25, 2020

विद्या, विनय, विवेक, साहस, अच्छे काम, सत्य ये सभी बुरे समय के साथी होते हैं, इनकी मदद से हर विपत्ति दूर हो सकती है

श्रीरामचरित मानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। तुलसीदास ने इसके अलावा दोहावली, विनय पत्रिका जैसे ग्रंथों की भी रचना की है। दोहावली में बताए गए दोहों में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र छिपे हैं।

गोस्वामी तुलसीदासजी का जन्म संवत् 1554 में सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में राजापुर गांव में हुआ था। अभी 2020 और संवत् 2077 चल रहा है।

तुलसीदासजी के जन्म सन् को लेकर कई तरह के मतभेद हैं। कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म सन् 1511 में हुआ था। राजापुर में ही श्रीरामचरित मानस मंदिर है, जहां तुलसीदासजी ने इस ग्रंथ की रचना की थी। संवत्‌ 1680 में 126 वर्ष की आयु में तुलसीदासजी की मृत्यु हुई थी।

जानिए तुलसीदास के ग्रंथ दोहावली के कुछ खास दोहे...



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